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मुख्तार अब्बास नकवी और तारेक फतेह, दो मुस्लिम चेहरे जो इस मुश्किल वक्त में नूपुर शर्मा के लिए बन रहे ढाल

नई दिल्ली: बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) के पैगंबर मोहम्मद (Prophet Muhammad) बयान के बाद खाड़ी और मुस्लिम देशों ने भारत से नाराजगी जताई है। इस बीच पाकिस्तानी-कनाडाई लेखक तारक फतेह (Tarek Fatah) ने कहा है कि इस बयान का इस्तेमाल भारत के लिए प्रोपेगैंडा के लिए किया जा रहा है। इधर, केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी (Mukhtar Abbas Naqvi) ने भी इसे पाकिस्तान का प्रोपेगेंडा बताते हुए कहा है कि हिंदुस्तान की अनेकता में एकता की ताकत को कमजोर नहीं किया जा सकता है। ये पाकिस्तान का प्रोपेगेंडा नकवी ने कहा कि अलकायदा मुसलमानों की हिफाजत नहीं मुसबीत है। यह लोग इस्लाम को सुरक्षा कवच बनाकर इंसानियत को लहूलुहान करना चाहते हैं जो लोग पाकिस्तान के प्रोपेगेंडा में फंस रहे हैं उन्हें समझना चाहिए कि हिन्दुस्तान की अनेकता में एकता की ताकत को कमजोर नहीं कर सकते हैं। नकवी ने सेलेक्टिव मानवाधिकार पर घेरा केंद्रीय मंत्री नकवी ने कहा कि जो लोग सेलेक्टिव मानवाधिकार की बात कर रहे हैं। जहां पर मानवाधिकार की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। अल्पसंख्यकों पर खुलेआम कत्लेआम, जुर्म और जुल्म की पराकाष्ठा पर आंख बंद किए हुए हैं। फतेह ने सुना दी खरी-खरी फतेह ने मंगलवार को एक निजी चैनल के साथ बातचीत में कहा कि नूपुर के बयान का इस्तेमाल भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा फैलाने के लिए किया जा रहा है। ये जो तमाम मुस्लिम दे जो भारत को लोकतंत्र पर लेक्चर दे रहे हैं, उनके यहां तो वोट का कोई कंसेप्ट ही नहीं है। किसी मुस्लिम देश में तो मंदिर बनना ही मुश्किल होगा। सऊदी अरब इसमें अपवाद हो सकता है। उन्होंने कहा कि आप पाकिस्तान को देख लीजिए वहां तो मंदिर बचा ही नहीं है। एक महिला के बयान के जरिए भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा फैलाया जा रहा है। कुछ लोग कह रहे हैं कि वो कानून की बात कर रहे हैं। दरअसल, झूठ बोलने में दिक्कत ये है कि ये दुनिया को नजर आ जाती है। कतर से आप लेक्चर दे रहे हैं कि भारत को लोकतंत्र को क्या करना चाहिए। कतर में वर्ल्ड कप के लिए जो काम हो रहा हैं वहां लो पेड जॉब्स में 7 हजार भारतीय मर चुके हैं। बजाए इसके कि कतर का बायकॉट किया जाए लोग कतर की बात सुनकर भारत की बहुसंख्यक आबादी को गाली दे रहे हैं आखिर वो चाहते क्या हैं? क्या औरंगजेब भारत में वापस आ जाए। भारत एक लोकतंत्र है। जानिए फतेह ने क्या-क्या कहा फतेह ने कहा कि नूपुर के बयान का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसका इस्तेमाल हिंदुस्तान के खिलाफ प्रोपेगैंडा करने के लिए किया जा रहा है। जो लोग ये बात कर रहे हैं कि नुपूर ने गलत बयान दिया है, वो सही हो सकते हैं, हालांकि, नुपूर ने अपना अपना बयान वापस ले लिया है। जो उसने बात कही उसने इस्लामिक टेक्स्ट को ही रिपीट किया है। उसने अपनी तरफ से तो बात नहीं की। जो भी बातें नूपुर ने टीवी पर की हैं, मैंने सुनी तो नहीं लेकिन उसके बारे में पढ़ा कि उसने वही कहा जो लिखी हुई है। जो इस्लामी शरिया या किताबों में लिखा है वही उसे सुनाया। यह मुमकिन है कि ये बात चिढ़ाने के लिए मुस्लिम डिबेटर को चोट मारने के लिए ये कहा हो। मैं इस बात को कहता हूं कि फ्रीडम ऑफ स्पीच के तहत ये डिबेट भी मुमकिन नहीं है हिन्दुस्तान में, क्या यहां वीटो है? किसी एक कम्युनिटी का कि अगर किसी ने कोई बात अपनी बात रखी इस्लाम के बारे में तो उसको सजाए मौत होनी चाहिए। ये तमाम इस्लामी देश जो हिंदुस्तान को लेक्चर दे रहे हैं, वहां कोई वोट का कंसेप्ट ही नहीं है। किसी मुस्लिम देश में मंदिर बनना मुश्किल है। सऊदी अरब इसमें अपवाद हो सकता है। आप पाकिस्तान को देख लीजिए तो मंदिर बचा ही नहीं है। एक महिला के बयान को सहारा दिया जा रहा है और भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। जो लोग ये कह रहे हैं कि हम कानून की बात कर रहे हैं, असल में झूठ बोलने दिक्कत में ये है कि दुनिया को नजर आ जाती है। कतर से आप लेक्चर दे रहे हैं कि भारत को क्या करना चाहिए लोकतंत्र पर। जहां 7 हजार हिंदुस्तानी मर चुके हैं, लो पेड जॉब्स के अंदर जो वर्ल्ड कप होने वाला है। बजाए इसके कि कतर का बायकॉट किया जाए लोग कतर की बात सुनकर भारत की बहुसंख्यक आबादी को गाली दे रहे हैं। वे चाहते क्या हैं, क्या औरंगजेब वापस आ जाए? भारत एक लोकतंत्र है।

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