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मुख्यमंत्री के निजी कर्मचारी की तरह व्यवहार नहीं कर सकते मुख्य सचिव, आचरण ने IAS तंत्र को पहुंचाई क्षति

नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक से बंगाल के तत्कालीन मुख्य सचिव अलापन बंदोपाध्याय का दूर रहना सवालों के घेरे में आ गया है। सरकारी सूत्रों ने बुधवार को कहा कि बंदोपाध्याय के आचरण से आइएएस तंत्र को नुकसान पहुंचा है और इससे अराजकता पैदा हो सकती है। उन्होंेंने कहा कि राज्य का मुख्य सचिव मुख्यमंत्री के निजी कर्मचारी की तरह काम नहीं कर सकता। बंदोपाध्याय ने 28 मई की समीक्षा बैठक में न सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी को इंतजार कराया था बल्कि बिना प्रेजेंटेशन दिए बैठक से चले गए थे। इस पर सूत्रों ने कहा, 'यह समीक्षा बैठक कोई और नहीं बल्कि प्रधानमंत्री खुद ले रहे थे जो चक्रवात यास प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वे करके बैठक के लिए आए थे।' सूत्रों ने कहा कि अगर केंद्र के प्रतिनिधि प्राकृतिक आपदा के बाद मुख्य सचिव की तरफ से बुलाई गई बैठकों का बहिष्कार करते तो क्या यह संघीय ढांचे में संस्थागत विघटन के समान नहीं होता। उन्होंने कहा कि देश के पहले गृह मंत्री सरदार पटेल ने आइएएस अधिकारियों के पहले बैच को संबोधित करते हुए उन्हें भारत का स्टील ढांचा बताया था। उन्होंने सवाल किया कि क्या अलापन बंदोपाध्याय ने खुद को बंगाल के मुख्यमंत्री की इच्छा के अधीन कर लिया था, ताकि सेवानिवृत्ति के बाद पुरस्कृत हो सकें।

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