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जयपुर-कोटा और बारां में भी हुई बर्ड फ्लू की पुष्टि , CM गहलोत ने दिए अधिकारियों को जरूरी निर्देश

जयपुर प्रदेश में भले ही कोरोनावायरस का खतरा कम होता दिखाई दे रहा हो। लेकिन एक नए खतरे ने प्रदेश के प्रशासन और सरकार की नींद उड़ा रखी है। दरअसल बर्ड फ्लू का असर लगातार प्रदेश में छाया हुआ है । मंगलवार को झालावाड़ के बाद अब जयपुर, कोटा और बारां में भी बर्ड फ्लू की पुष्टि हो गई है । जयपुर में जल महल से भेजे गए सैंपल में भी यह पता चला है कि मृतकों कौवों की मौत का कारण बर्ड फ्लू ही है। आपको बता दें कि 24 घंटे में अब कौवों की 246 नई मौत सामने आई है। इधर दौसा और नागौर में राष्ट्रीय पक्षी मोर के मरने की खबर भी सामने आई है। इससे पहले दौसा में पॉड हैरॉन की मरने की पुष्टि हुई थी। जोधपुर में सैंपल आए नेगेटिव मिली जानकारी के अनुसार कोटा की रामगंजमंडी में 212 मुर्गियों मृत मिली थी। इनकी जांच के लिए 110 सैंपल भोपाल भेजे गए थे । इनमें से 40 की रिपोर्ट आई है , जिनमें 25 पॉजिटिव है । राहत की बात यह है कि जोधपुर से भी जो सैंपल लिए गए थे उनमें 15 सैंपलों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है । इधर पॉलट्री फार्म्स में अभी तक एक भी केस की पुष्टि नहीं हुई है। हालांकि एहतियात के तौर पर आवाजाही पर रोक लगाई जा सकती है। साथ ही मध्यप्रदेश की सीमा से सटे कोटा -बारां में भी संक्रमण की आंशका को देखते हुए राज्य सरकार पोल्ट्री की आवाजाही पर रोक लगा सकती है। सीएम गहलोत ने दिए निर्देश इधर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने देश के विभिन्न राज्यों तथा प्रदेश के विभिन्न जिलों में एवियन इनफ्लुएंजा से हो रही पक्षियों की मौतों को निगरानी रखने के लिए कहा है। उन्होंने पक्षियों के मरने की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए विशेष सर्तकता रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि घना बर्ड सेंचुरी , विभिन्न अभ्यारण्य, सांभर झील सहित अन्य वेटलैंड्स और तमाम ऐसे स्थान जहां पक्षी अधिक पाए जाते हैं वहां विशेष निगरानी रखी जाए। किसी भी पक्षी की मौत होने पर उसका सैंपल लैब में भेजा जाए और वैज्ञानिक विधि से मृत पक्षियों के निस्तारण सुनिश्चित की जाये बर्ड फ्लू जांच लैब को लेकर मंजूरी इधर सरकार ने केंद्र को बर्ड फ्लू जांच लैब के लिये चिढ्ठी लिखी है। पशुपालन विभाग के प्रमुख सचिव कुंजीलाल मीना का कहना है कि इस मामले में संयुक्त सचिव से भी बात हो चुकी है। इसके बाद अब मंजूरी भी मिल गई है, अब जल्द ही यहां भी लैब बनेगी। हालांकि लैब को सुचारू करने के लिए चार महीने का वक्त लगेगा। राज्य सरकार जयपुर स्थित वेटेनरी लैब का विस्तार करने की भी योजना बना रही है।

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