taaja khabar..CJI को वकीलों का पत्र, मोदी बोले-धमकाना कांग्रेस की संस्कृति:600 वकीलों ने चीफ जस्टिस से कहा- न्यायपालिका खतरे में है, दबाव से बचाना होगा ..अरविंद केजरीवाल की बढ़ी ED रिमांड, कोर्ट में सीएम ने खुद दी दलीलें..लोकसभा चुनाव लड़ेंगे फिल्म स्टार गोविंदा? एकनाथ शिंदे की शिवसेना में हुए शामिल..केजरीवाल को CM पद से हटाने वाली याचिका खारिज, जानें दिल्ली HC ने क्या कहा..प्रकाश आंबेडकर ने संजय राउत पर बोला हमला, बोले- 'आपने पीठ में छुरा घोंपने का काम किया'..रक्षामंत्री बोले- सरकार अग्निवीर योजना में बदलाव को तैयार:सेना को युवाओं की जरूरत; कांग्रेस ने इसे चुनावी मुद्दा बनाया, कहा- ये यूथ से धोखा..

चीन को भारत से भी बड़ा झटका दे सकता है जापान, वापस बुला रहा अपनी सारी कंपनियां

नई दिल्ली जापान की तरफ से एक खास पहल की गई है, ताकि लोकल सप्लाई चेन पर कभी कोई असर ना पड़े और चीन पर उनकी निर्भरता भी कम हो सके। जापान की सरकार ने चीन से जापानी कंपनियों का वापस निकालने और फिर से जापान में लाने के लिए पैसे देने का फैसला किया है। जापान अपनी 57 कंपनियों को चीन से वापस आकर देश में ही मैन्युफैक्चरिंग करने के लिए 53.6 करोड़ डॉलर खर्च कर रहा है। अन्य देशों से भी कंपनियों को वापस बुला रहा जापान इतना ही नहीं, अन्य 30 कंपनियों को वियतनाम, म्यांमार, थाइलैंड औरर दक्षिण पूर्व एशियन देशों से अपनी यूनिट वापस जापान लाने के लिए भी पैसे दिए जा रहे हैं। निक्केई अखबार की रिपोर्ट के अनुसार सरकार इसके लिए कुल मिलाकर करीब 70 अरब येन खर्च करेगी। ताइवान भी कर चुका है ऐसा चीन के खिलाफ खड़े होने वाले देशों का एक और उदाहरण है, क्योंकि चीन का तरीका सही नहीं है। आर्थिक मोर्चे पर ब्लैकमेल करने से लेकर दूसरे देश की सीमा का सम्मान नहीं करना किसी भी देश को अच्छा नहीं लग रहा है। ताइवान की सरकार ने भी 2019 में कुछ ऐसी ही पॉलिसी बनाई थी, जैसी जापान ने बनाई है। अमेरिका भी निकाल रहा है अपनी कंपनियां वहीं अमेरिका पहले ही चीन से अपनी कंपनियां निकालने की फिराक में है। एप्पल ने तो भारत में अपने प्लांट्स बढ़ाने का फैसला भी कर लिया है। चीन से बहुत सारी कंपनियां निकल कर बाहर आना चाहती हैं। भारत ने भी पहले ऐप बैन किए और अब चीनी कंपनियों पर भी शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। हो सकता है आने वाले वक्त में चीनी कंपनियों को भारत से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाए।

Top News