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ये तो गजबा हो गया,हाई कोर्ट को ही सरकार ने चूना लगा दिया!

मदन अरोड़ा।शातिर मफलरमैन अरविंद केजरीवाल ने वो कर दिखाया है ,जिसके लिए वे आजकल चर्चाओं में रहते आ रहे हैं।पर इस बार जो गजबा किया है ,वो वास्तव में केजरीवाल जैसा कोई शातिर और धूर्त व्यक्ति ही कर सकता है।केजरीवाल टीम ने इस बार दिल्ली हाई के साथ ही खेला करते हुए सुप्रीम कोर्ट को ही ठेंगा दिखा दिया है।जिसे देख सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ भी अचंभित हैं। आपको कैसा लगेगा ,जब आपको पता चले कि किसी ने हाईकोर्ट की ही जमीन पर अपना आफिस बना लिया है।जी हां दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राजा अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के सबसे पॉश माने जाने वाले दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर अपनी पार्टी का जो कार्यालय बनवाया है ,वो और कहीं नहीं दिल्ली हाई कोर्ट को आवंटित सरकारी जमीन पर बनाया है।सबसे ज्यादा पढ़े लिखे मुख्यमंत्री और सबसे शिक्षित पार्टी कितनी ज्ञानवान है कि उसने बकायदा अपनी सरकार की कैबिनेट की मीटिंग में प्रस्ताव स्वीकृत करा दिल्ली हाई कोर्ट की जमीन को कब्जाया है।पहले हाई कोर्ट की जमीन पर पार्टी कार्यालय बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया ।फिर उसे कैबिनेट की मीटिंग में पारित करवाया गया और फिर सरकारी दबंगई से कब्जाई गई जमीन पर कार्यालय बनाया गया।कितनी अजीब बात है कि सबसे पढ़े लिखे वालों में एक भी ऐसा समझदार मंत्री नहीं जो यह बताता कि जिस जमीन को कार्यालय के लिए आवंटित किया जा रहा है,वह हाई कोर्ट को आवंटित है और उसको आगे आवंटित नहीं किया जा सकता।वैसे भी जमीन का मामला दिल्ली सरकार के अधीन आता भी नहीं है।ये उपराज्यपाल के क्षेत्राधिकार में है।लेकिन अगर गड़बड़झाला ,घोटाला नहीं करे तो वो केजरीवाल और आम आदमी पार्टी भी क्या! दरअसल इस पूरे मामले का पता भी नहीं चलता।अगर दिल्ली हाई कोर्ट ने अपनी जमीन को दिल्ली सरकार द्वारा आम आदमी पार्टी को आवंटित किए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में गुहार न लगाई होती।जब यह मामला सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में आया तो मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ आश्चर्यचकित रह गए।उन्होंने कहा ये तो अति हो गई।इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।सोचिए जो व्यक्ति और पार्टी हाईकोर्ट की जमीन को हथिया सकती है।जिसे न्यायपालिका का भी खौफ नहीं ।वे क्या क्या कर सकते हैं।लेकिन जितना आश्चर्य केजरीवाल द्वारा जमीन हथियाने का है उससे भी ज्यादा आश्चर्य इस समाचार को मीडिया के एक बड़े वर्ग द्वारा दबाए जाने पर हो रहा है।यही काम अगर भाजपा ने किया होता तो पूरा मीडिया गला फाड़ रहा होता ।पर पापी पेट जो केजरीवाल के दिये गए पैसे से भरा हुआ है ।वो मीडिया के एक वर्ग को केजरीवाल से जुड़ी खबरें दबाने को मजबूर कर देता है।

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