taaja khabar..CJI को वकीलों का पत्र, मोदी बोले-धमकाना कांग्रेस की संस्कृति:600 वकीलों ने चीफ जस्टिस से कहा- न्यायपालिका खतरे में है, दबाव से बचाना होगा ..अरविंद केजरीवाल की बढ़ी ED रिमांड, कोर्ट में सीएम ने खुद दी दलीलें..लोकसभा चुनाव लड़ेंगे फिल्म स्टार गोविंदा? एकनाथ शिंदे की शिवसेना में हुए शामिल..केजरीवाल को CM पद से हटाने वाली याचिका खारिज, जानें दिल्ली HC ने क्या कहा..प्रकाश आंबेडकर ने संजय राउत पर बोला हमला, बोले- 'आपने पीठ में छुरा घोंपने का काम किया'..रक्षामंत्री बोले- सरकार अग्निवीर योजना में बदलाव को तैयार:सेना को युवाओं की जरूरत; कांग्रेस ने इसे चुनावी मुद्दा बनाया, कहा- ये यूथ से धोखा..

न्‍यूक्लिअर बम, 700KM रेंज और दुश्‍मन को कोई मौका नहीं, जानें शौर्य मिसाइल क्‍यों है खास

चीन के साथ सीमा पर तनाव के बीच भारत रोज रक्षा तकनीक में कामयाबी हासिल कर रहा है। पिछले कुछ महीनों में, कई डिफेंस और मिसाइल सिस्‍टम समेत ऐडवांस्‍ड वेपन सिस्‍टम का भी टेस्‍ट किया गया है। हिंदुस्‍तान टाइम्‍स की रिपोर्ट के अनुसार, बीते 3 अक्‍टूबर को जिस 'शौर्य' मिसाइल का सफल टेस्‍ट हुआ था, उसे बेड़े में शामिल करने को मंजूरी दे दी गई है। डिफेंस रिसर्च ऐंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) की बनाई यह मिसाइल पनडुब्‍बी से छोड़ी जाने वाली BA-05 मिसाइल का जमीनी रूप है। ओडिशा के बालासोर में 3 अक्‍टूबर को गुपचुप तरीके से इसका आखिरी टेस्‍ट किया गया। इस मिसाइल की तैनाती कहां होगी, इसका फैसला सामरिक बल कमांड (Indian Strategic Forces Command) को करना है। 'शौर्य' मिसाइल में क्‍या है खास? 'शौर्य' एक ऐसा डिलिवरी सिस्‍टम है जिसे एक कम्‍पोजिट कैनिस्‍टर में स्‍टोर किया जा सकता है। इस वजह से मिसाइल को कहीं भी तैनात करना और बाहरी चीजों से बचाना आसान है। यह मिसाइल 50 किलोमीटर की ऊंचाई पर मैच 7 या 2.4 किलोमीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से चलती है। टारगेट को हिट करते वक्‍त इसकी रफ्तार मैच 4 हो जाती है। इसका वॉरहेड 160 किलोग्राम का है। मिसाइल की रफ्तार इतनी तेज है कि सीमा पार बैठे दुश्‍मन के रडार को इसे डिटेक्‍ट, ट्रैक करने और इंटरसेप्‍ट करने के लिए 400 सेकेंड्स से भी कम का वक्‍त मिलेगा। क्रूज मिसाइल की खूबियों से लैस है ये बैलिस्टिक मिसाइल टू-स्‍टेज रॉकेट वाली 'शौर्य' मिसाइल पहले ऊंचाई हासिल करती है, फिर टारगेट की ओर बढ़ती है। वैसे तो यह बैलिस्टिक मिसाइल सॉलिड फ्यूल से चलती है लेकिन क्रूज मिसाइल की तरह खुद को टारगेट तक गाइड कर सकती है। यह अपने साथ न्‍यूक्लिअर पेलोड ले जा सकती है। SMART, AGTM, हाइपरसोनिक मिसाइलों का टेस्‍ट कर चुका है भारत भारत ने पिछले कुछ दिनों में कई मिसाइलें टेस्‍ट की हैं। सोमवार को सुपरसोनिक मिसाइल असिस्‍टेड रिलीज ऑफ टॉरपीडो (SMART) का टेस्‍ट हुआ। उससे पहले 7 सितंबर को हाइपरसोनिक मिसाइल का टेस्‍ट हुआ था। पिछले महीने MBT अर्जुन टैंक से लेजर-गाइडेड ऐंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (AGTM) का टेस्‍ट भी हुआ था। अगले कुछ हफ्तों में 800 किलोमीटर रेंज वाली 'निर्भय' क्रूज मिसाइल का टेस्‍ट होना है। अब पिनाक रॉकेट्स, लॉन्‍चर्स और जरूरी उपकरणों के बड़े पैमाने पर उत्‍पादन की तैयारी है।

Top News