गायक अदनान सामी को पद्मश्री सम्मान के लिए चुने जाने पर आखिर हंगामा क्यों है बरपा?

नई दिल्ली गायक अदनाम सामी को पद्म सम्मान मिलने के बाद हंगामा बरपा हुआ है। कांग्रेस ने सामी पर चमचागिरी का आरोप लगाया है। शरद पवार की पार्टी एनसीपी ने कहा कि मोदी की तारीफ करने के कारण सामी को भारत की नागरिकता और पद्मश्री का इनाम मिला। कुछ लोग सामी को पाकिस्तान परस्त भी बता रहे हैं। कुछ लोग अदनान सामी को इसलिए पद्मश्री का हकदार नहीं मानते हैं, क्योंकि उनके पिता पाकिस्तानी डिप्लोमेट रह चुके हैं। हालांकि, एक सच यह भी है कि सामी के पिता भले ही पाक डिप्लोमेट रह चुके हों, लेकिन सामी का भारत के पक्ष वाला रवैया किसी से छिपा भी नहीं है। कांग्रेस ने कहा, चमचागिरी के एवज में सम्मान कांग्रेस पार्टी ने तो यहां तक कह दिया कि अदनान को बीजेपी सरकार की चमचागिरी के एवज में पद्मश्री से नवाजा जा रहा है। कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने यह सवाल भी किया कि ऐसा क्यों हुआ कि करगिल युद्ध में शामिल हुए सैनिक सनाउल्लाह को 'घुसपैठिया' घोषित कर दिया गया, जबकि उस सामी को पद्म सम्मान दिया जा रहा है जिसके पिता ने पाकिस्तानी वायुसेना में रहकर भारत के खिलाफ गोलाबारी की थी? NCP बोली, मिला है मोदी भक्ति का मिला इनाम वहीं ,महाराष्ट्र में शिवसेना सरकार की सहयोगी एनसीपी ने कहा कि सामी को मोदी भक्ति का इनाम मिलाहै। महाराष्ट्र में मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा कि जय मोदी बोलने पर किसी को पाकिस्तानी नागरिकता और साथ में पद्मश्री देने का यह क्लियर कट केस है। यह देश के लोगों का अपमान है। सामी के विरोध के पीछे आखिर क्या? लेकिन क्या सच में अदनान सामी का पद्मश्री के लिए चयन का विरोध उनके पिता के पद और कार्यों की वजह से हो रहा है? क्या सच में अदनान की जड़ें पाकिस्तान में होने के कारण उनका विरोध हो रहा है? यह तो हकीकत है कि सामी के पिता पाकिस्तान के डिप्लोमेट रह चुके हैं। लेकिन क्या इस बिना पर सामी का विरोध उचित है? सामी भारत में रहकर संगीत के जरिए नाम कमा रहे हैं। भारत सरकार ने उन्हें देश की नागरिकता दी है। ऐसे में एक भारतीय से उनके भूतकाल के कारण सवाल पूछना जायज होगा? इसमें किसी को शक-सुबहा नहीं है कि सामी ने गायन के क्षेत्र में विशिष्ट कार्य किया है। 'पद्म' सम्मान भी विशिष्ट कार्य के लिए ही दिया जाता है। CAA के समर्थन के कारण हो रहा है विरोध? सामी पाकिस्तान छोड़कर भारत आए हैं। वह पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से धार्मिक प्रताड़ना झेलकर भारत आए गैर-मुस्लिमों को नागरिकता देने के प्रावधान वाले संशोधित कानून (सीएए) का समर्थन कर रहे हैं। सवाल है कि लोकतंत्र में पक्ष-विपक्ष में लोगों को राय रखने की आजादी है और सामी ने भी अपना पक्ष रखा है। ऐसे में हंगामा क्यों? कांग्रेस के अंदर ही मतभेद! एक तरफ जहां कांग्रेस के कुछ नेता सामी को मिले सम्मान का विरोध कर रहे हैं वहीं, एमपी के पूर्व सीएम और दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने सामी को 'पद्म सम्मान' के लिए बधाई दी है। उन्होंने एक ट्वीटर में यह खास तौर पर याद दिलाया है कि उन्होंने ही मोदी सरकार से सामी को भारतीय नागरिकता देने का आग्रह किया था। सामी के विरोध पर बीजेपी ने कांग्रेस को घेरा सामी को पद्म सम्मान दिए जाने का विरोध कर रही कांग्रेस पर बीजेपी ने हमला बोला है। बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'कांग्रेस की नौटंकी देखिए कि अदनान सामी को पद्मश्री दिया तो उसमें परेशानी है। ये क्या है कांग्रेस की सोच? वह आए भारत के नागरिक बने, अच्छे गायक हैं, भारत को सलाम भी करते हैं, हमने सम्मान किया। तो उस पर परेशानी है, ये है कांग्रेस की सही सोच। 'पद्म' पुरस्कारों पर होती रही है राजनीति उल्लेखनीय है कि 'पद्म' पुरस्कारों पर काफी समय से राजनीति होती रही है। कई बार पुरस्कार की घोषणा के बाद विपक्षी दल सरकार को घेरते रहे हैं। यूपीए के दौर में भी इन पुरस्कारों पर सवाल उठे थे और अब एनडीए सरकार में भी विपक्ष सवाल उठा रहा है।

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