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परोल खत्म होने के एक दिन पहले 'डॉक्टर बम' लापता

मुंबई राजस्थान के जयपुर में सीरियल बम ब्लास्ट धमाकों की सजा अजमेर जेल में काट रहा जलीस अंसारी अपनी परोल खत्म होने के एक दिन पहले लापता हो गया है जिससे मुंबई क्राइम ब्रांच और ऐंटी-टेरर स्क्वॉड हरकत में आ गए हैं। उसे खोजने के लिए बड़े स्तर पर अभियान भी चलाया जा रहा है। बता दें कि अंसारी का नाम देश के अलग-अलग हिस्सों में 50 से ज्यादा बम धमाकों में शामिल था जिसके चलते उसे 'डॉ. बम' कहा जाने लगा। उसे सबसे पहले राजधानी एक्सप्रेस में बम रखने के आरोप में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था और कई बड़े धमाकों के आरोप भी लगे। जलीस के ऊपर सबसे बड़ा आरोप राजस्थान में पांच अलग-अलग जगहों पर 5 और 6 दिसंबर, 1993 को हुए बम धमाकों का था। इसके लिए वह अजमेर की जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा था। उसके ऊपर 5 और 6 दिसंबर, 1993 को ही हैदराबाद में सीरियल ब्लास्ट के आरोप में भी केस चला लेकिन 2015 में उसे बरी कर दिया गया। हैदराबाद में कम तीव्रता वाले धमाके आईईडी से किए गए थे। यूं बना 'डॉ. बम' अंसारी के ऊपर आरोप है कि देशभर में 50 से ज्यादा बम धमाकों में उसकी भूमिका थी। इसलिए उसे डॉ. बम कहा जाने लगा। उसे सबसे पहले 1994 में सीबीआई ने राजधानी एक्सप्रेस में बम लगाने के आरोप में गिरफ्तार किया था। वह पुणे के ब्लास्ट में भी आरोपी है। आरोप है कि यहां 1992 में बाबरी मस्जिद कांड के बाद उसने अपने साथियों के साथ मिलकर बम लगाए थे। सबसे ताजा फैसले में गिरणा नदी में बम धमाके का एक्सपेरिमेंट करने के अपराध में उसे मालेगांव के एक कोर्ट ने 2018 में 10 साल जेल की सजा सुनाई थी। नमाज के लिए निकला, फिर नहीं लौटा अंसारी को राजस्थान की अजमेर सेंट्रल जेल से 21 दिनों के परोल पर रिहा किया गया था। उसे शुक्रवार को आत्मसमर्पण करना था। एक अधिकारी ने बताया कि परोल के दौरान अंसारी को रोज सुबह 10:30 बजे से 12 बजे के बीच अग्रीपाडा थाने आकर हाजिरी लगाने को कहा गया था लेकिन वह गुरुवार को निर्धारित समय पर नहीं पहुंचा। दोपहर को अंसारी का 35 वर्षीय बेटा जैद अंसारी पुलिस थाने पहुंचा और पिता के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई। वह घरवालों से नमाज पढ़ने की बात कहकर निकला लेकिन वापस नहीं लौटा।

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