पीएचईडी का दावा-नहरों के पानी में कोई हानिकारक मैटल और केमिकल नहीं

-नहरी पानी की जांच रिपोर्ट अदालत में पेश संगरिया। क्षेत्र में दूषित जलापूर्ति के मामले में अदालत के आदेश की पालना करते हुए जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग ने आज नहरी पानी की केमिकल जांच रिपोर्ट और जीवाणु परीक्षण रिपोर्ट वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश डॉ. वीनू नागपाल की अदालत में प्रस्तुत की। रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए विभाग की ओर से दावा किया गया है कि नहरी पानी में कोई हानिकारक मैटल और केमिकल नहीं पाया गया है। इस मामले में आज सुनवाई के अवसर पर उपभोक्ता संरक्षण समिति के अध्यक्ष एडवोकेट संजय आर्य प्रस्तुत हुए। सरकार की ओर से प्रस्तुत हुए अपर लोक अभियोजक सुनील टांडी ने जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के सहायक अभियंता की ओर से जल परीक्षण रिपोर्ट पेश की। एपीपी टांडी ने अदालत को बताया कि विभाग ने भाखड़ा कैनाल, जीरो हैड, शेरगढ़, इंदिरा गांधी नहर के मसीतांवाली हैड से रॉ वाटर के नमूने लेकर उनकी जयपुर प्रयोगशाला से जांच कराई है। जांच मेंं पानी में कोई हैवी मैटल और हानिकारक केमिकल नहीं पाया गया है। एडवोकेट संजय आर्य ने बताया कि कोर्ट ने जलदाय विभाग को 11 जून 2018 को मानकों के अनुरूप जल वितरण करने और प्रतिदिन की जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा था। कोर्ट ने 17 मई 2019 को प्रतिदिन की गई जांच की रिपोर्ट के साथ रासायनिक जांच रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं करने पर नाराजगी जताई थी। इस पर विभाग की ओर से आज जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है। आर्य ने बताया कि अदालत ने इस मामले में आगामी सुनवाई के लिए 22 अक्टूबर की तारीख निर्धारित की है।

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