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पढ़ना है सबसे आसान कार्य- कलक्टर

कॉलेज में प्रतियोगिता दक्षका कार्यक्रम का जिला कलक्टर ने किया उद्घाटन हनुमानगढ़,15 जुलाई। पढ़ना सबसे आसान कार्य है। व्यापार करना, खेती करना या दूसरे सभी कार्यों से पढ़ना आसान कार्य है। ये कहना है जिला कलक्टर श्री जाकिर हुसैन का जो सोमवार को नेहरू मेमोरियल महाविद्यालय में प्रतियोगिता दक्षता कार्यक्रम का उद्घाटन कर रहे थे। उन्होने कहा कि स्टूडेंट्स को एक लक्ष्य तय कर उस पर कड़ी मेहनत करनी चाहिए। खुद के अनुभव शेयर करते हुए बताया कि प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी हेतु पहले जयपुर में राजस्थान यूनिवर्सिटी में कोचिंग क्लासेज लगती थी। लेकिन सीट मात्र 70 होती थी और फॉर्म आते थे 1200-1300 । लेकिन आज सरकार इसे सभी कॉलेज में निशुल्क देने जा रही है। इसका फायदा स्टूडेंट्स को उठाना चाहिए। उन्होने कहा कि वे खुद साधारण स्टूडेंट् रहे लेकिन बाद में प्रतियोगिता परीक्षाओं में जमकर मेहनत की और सफलता पाई।उन्होने कॉलेज प्रशासन को निर्देशित किया कि कॉलेज में कैरियर काउंसलिंग की अलग से क्लासेज लगाई जाए। ताकि इसका फायदा स्टूडेंट्स को मिले। विषिष्ट अतिथि श्री हरिकृष्ण आर्य ने षिक्षा के क्षेत्र में इंटरनेट की महत्ता के बारे में जानकारी देते हुए विद्यार्थियों को आज तकनीकी षिक्षा के क्षेत्र में इंटरनेट तकनीक का उपयोग करके अधिक से अधिक अपना ज्ञानवर्धन करना चाहिए। पी.आर.ओ. हनुमानगढ़ श्री सुरेष बिष्नोई ने बताया कि जिले के युवा वर्ग में नशे की लत बढ़ रही है । इस लत को छोड़कर युवा वर्ग को किताब पढ़ने की लत लगानी चाहिए। ये लत अगर लग गई तो फिर इसे कोई छुड़ा भी नहीं सकेगा। जो जिंदगी के लिए बेहद फायदेमंद भी है। उन्होने कहा कि कॉलेज में युवाओं को हाल ही में प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल हुए अधिकारियों इत्यादि को लाकर युवा वर्ग से मुखातिब करवाना चाहिए। इसमें प्रशासन की ओर सहयोग किया जाएगा। है। डॉ. संतोष राजपुरोहित ने बताया कि प्रतियोगी परीक्षाओं की विद्यार्थियों को अपनी क्षमता, योग्यता और रूचि के अनुरूप तैयारी करनी चाहिए। जिससे आसानी से जीवन में सफलता प्राप्त की जा सके। कार्यक्रम अध्यक्ष प्रो0 बी.एन.पारीक ने बताया कि विद्यार्थियों को रिक्त कालांष में पुस्तकालय का अधिक से अधिक उपयोग करना चाहिए, जिससे विद्यार्थी अपना ज्ञान प्रतियोगी परीक्षाओं के अनुकुल बना सके। कार्यक्रम प्रभारी डॉ. श्यामवीर सिंह ने बताया कि प्रतियोगिता दक्षता कार्यक्रम का परिचय और उददेष्यों पर प्रकाष डालते हुए बताया कि यह कार्यक्रम कुल 600 घंटों का है, जिसमें प्रतिदिन चार घंटे कक्षायें आयोजित की जावेगी। उक्त कक्षाओं को आयोजित करने में महाविद्यालय के संकाय सदस्यों, विषय विषेषज्ञों तथा नवचयनित अधिकारियों से भी संपर्क कर उनसे निषुल्क सेवायें ली जावंेगी। कार्यक्रम में महाविद्यालय के अधिकारी/कर्मचारी सहित सौ से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. विनोद कुमार जांगिड़, सह आचार्य ईएएफएम द्वारा किया गया।

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