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क्या कंगना रनौत के बाद अब शिवसेना को खटक रहे हैं 'रॉबिनहुड' सोनू सूद?

मुंबई अभिनेत्री कंगना रनौत के बाद शिवसेना को अब बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद भी खटकने लगे हैं। कंगना की ही तरह सोनू सूद के खिलाफ भी अवैध निर्माण का आरोप लगा और बीएमसी को जरिया बनाकर कार्रवाई की गई। दरअसल बीएमसी ने सोनू के जुहू में स्थित 6 मंजिला रिहायशी इमारत को होटल में तब्दील करने का आरोप लगाकर नोटिस भेजा है। बीएमसी का कहना है कि सोनू सूद ने रिहायशी इमारत का बिना इजाजत के होटल में निर्माण करा दिया। क्या है ताजा मामला? लॉकडाउन के दिनों में प्रवासी मजदूरों को घर भेजकर सुर्खियों में आए सोनू सूद ने नोटिस का जवाब देते हुए कहा है कि उन्होंने यूजर चेंज की परमिशन बीएमसी से मांगी थी। वह महाराष्ट्र कोस्टल जोन मैनेजमेंट अथॉरिटी (MCZMA) की तरफ से क्लीयरेंस मिलने का इंतजार कर रहे हैं। कोविड-19 की वजह से कोस्टल जोन अथॉरिटी की तरफ से परमिशन नहीं मिल सकी है। सोनू ने किसी भी तरह की अनियमितता की बात से इनकार किया। वहीं पुलिस का कहना है कि शुरुआती जांच चल रही इसके बाद ही FIR दर्ज होगी। सोनू सूद ने नहीं दिया था नोटिस का जवाब कुछ रिपोर्ट्स में यह भी कहा जा रहा है कि सोनू को इससे पहले भी बीएमसी की तरफ से नोटिस मिली थी लेकिन जवाब देने के बजाय उन्होंने निर्माण कार्य जारी रखा था। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, सोनू सूद को पहला नोटिस 27 अक्टूबर को दिया गया था। उस समय सोनू को एक महीने के अंदर जवाब दाखिल करना था लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। इसके बाद 4 जनवरी को उन्हें दोबारा नोटिस भेजा गया। बीएमसी ने पुलिस से दरख्वास्त की है कि सोनू पर महाराष्ट्र रीजन ऐंड टाउन प्लानिंग (MRTP) ऐक्ट के तहत ऐक्शन लिया जाए। क्यों शिवसेना को खटकने लगे हैं सोनू सूद? अभिनेता सोनू सूद से शिवसेना के रिश्ते अचानक से तल्ख नहीं हुए हैं। लॉकडाउन के शुरुआती दौर में ही जहां सोनू सूद अपनी कोशिशों से सभी का दिल जीत रहे थे। उन्होंने महाराष्ट्र और मुंबई में फंसे कई मजदूरों को प्राइवेट बस के जरिए उनके घर रवाना किया। इस दौरान वह प्रवासी मजदूरों के मसीहा बन गए थे। सोनू यहीं नहीं रुके उन्होंने प्रवासी मजदूरों और उनके बच्चों के अलावा दूसरे जरूरतमंदों की भी मदद का सिलसिला जारी रखा। शिवसेना ने सोनू सूद को बताया था बीजेपी का प्यादा वहीं दूसरी ओर महाराष्ट्र बीजेपी राज्य सरकार पर कोविड-19 संक्रमण को काबू कर पाने में फेल होने के आरोप लगा रही थी। एक तरफ सोनू सूद की दरियादिली और दूसरी तरफ विपक्ष के आरोप महाराष्ट्र सरकार को खटक गया। शिवसेना ने सोनू सूद को बीजेपी का प्यादा तक कह दिया था। शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में संजय राउत ने कहा था कि बीजेपी सरकार पर हमला करने के लिए सोनू सूद का इस्तेमाल कर रही है। हालांकि सोनू सूद ने साफ किया था कि वह किसी राजनीतिक दल से प्रेरित नहीं है और यह सब कुछ इंसानियत के नाते कर रहे हैं। कंगना रनौत के साथ भी शिवसेना के रिश्ते तल्ख इससे पहले बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के ऑफिस पर भी बीएमसी ने अवैध निर्माण का आरोप लगाया था। उसके बाद बीएमसी ने उनके आफिस में तोड़ फोड़ की थी। इसके बाद अभिनेत्री ने मामले को लेकर कोर्ट में चुनौती दी थी। हालांकि पिछले दिनों इस मामले में कंगना को झटका लगा है। कोर्ट ने बीएमसी को नोटिस को जायज ठहराते हुए स्पष्ट किया कि कंगना ने ऑफिस निर्माण में नियमों की अनदेखी की थी। अब कंगना मामले को लेकर हाई कोर्ट जाने वाली हैं।

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