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खेत में पराली जलाने पर 9 किसानों पर लगाया 1 लाख का जुर्माना

हनुमानगढ़, 1 दिसंबर। खेत में पराली ( चावल की खेती के अवशेष) जलाने पर हनुमानगढ़ तहसील के कुल 9 किसानों पर 1 लाख का जुर्माना पर्यावरण क्षतिपूर्ति के रूप में लगाया गया है। जिला कलक्टर श्री जाकिर हुसैन के निर्देश पर तहसीलदार हनुमानगढ़ श्री दानाराम ने ये कार्रवाई की। जिला कलक्टर श्री जाकिर हुसैन ने बताया कि चावल की खेती के अवशेष पराली को काश्तकारों द्वारा आग लगाए जाने के कारण प्रदूषण से आमजन की सुरक्षा हेतु नेश्नल ग्रीन ट्रिब्यूनल बोर्ड ने जुर्माने का प्रावधान कर रखा है। जिसके अनुसार खेत में पराली में आग लगाने पर 2 एकड़ से कम क्षेत्रफल वाले किसान पर ढाई हजार रूपए का जुर्माना, 2 से 5 एकड़ जमीन वाले पर 5 हजार और 5 एकड़ से ज्यादा जमीन वाले पर 15 हजार रूपए जुर्माने का प्रावधान पर्यावरण क्षतिपूर्ति के रूप में है।इसी की अनुपालना में तहसीलदार हनुमानगढ़ द्वारा 6 किसानों पर 5 एकड़ से ज्यादा जमीन होने पर 15 हजार का, 2 किसानों पर 2 एकड़ से कम जमीन होने पर ढाई-ढाई हजार और एक किसान पर 2 से 5 एकड़ के बीच जमीन होने पर पांच हजार का जुर्माना लगाया है। ये जुर्माना तहसीलदार के द्वारा पटवारियों से प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर लगाया गया है। जिला कलक्टर ने बताया कि जुर्माना लगाए गए सभी किसानों को आगामी 7 दिन में जुर्माना राशि राजकोष में जमा करवाने के निर्देश तहसीलदार के द्वारा दिए गए हैं। जुर्माना राशि आगामी 7 दिन में जमा नहीं करवाने पर वसूली की कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। ''किसान धान की कटाई सुपर सीडर से करें ताकि पराली जलाने की नौबत ही ना आए'' जिला कलक्टर श्री जाकिर हुसैन ने बताया कि किसान धान की कटाई हैप्पी/सुपर सीडर ( इस मशीन को हैप्पी सीडर या सुपर सीडर दोनों नाम से जाना जाता है) से करे ताकि पराली जलाने की नौबत ही ना आए। पराली जलाने से पर्यावरण नुकसान के साथ आमजन को भी श्वांस लेने में तकलीफ होती है। कोरोना महामारी के दौरान तो ये तकलीफ और बढ़ जाती है। जिला कलक्टर ने कहा कि किसान अगली फसल की बुवाई की जल्दी में चावल की खेती के तुरंत बाद पराली को खेत में ही जला देता है। जिससे पर्यावरण को भंयकर नुकसान होता है। चारों और धुएं की परत जमा जाती है और श्वांस के रोगियों के लिए श्वांस लेना मुश्किल हो जाता है। केन्द्र सरकार उपग्रह के माध्यम से ये जान लेती है कि कहां पराली जलाई जा रही है। लिहाजा किसान जुर्माने से बचने और पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचे। इसको लेकर अपने खेत में पराली ना जलाए। बल्कि धान की कटाई भी सुपर/हैप्पी सीडर से करें ताकि फसल की कटाई के साथ नई फसल की बुवाई भी साथ साथ हो जाएगी। जिला कलक्टर ने बताया कि कृषि विभाग की ओर से फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर 6 नवंबर को ग्राम पंचायत चक ज्वालासिंहवाला के चक 43 में गोष्ठी का भी आयोजन किया गया था। जिसमें किसानों से पराली खेल में नहीं जलाने को लेकर समझाइश की गई थी। जिला कलक्टर ने बताया कि जिले में पिछले साल 560 जगहों पर पराली जलाई गई। सैटेलाइट के जरिए ये पता लगाया गया। इस बार भी सैटेलाइट के जरिए सभी जिलों में पराली जलाने की घटनाओं पर निगरानी की जा रही है। अगर पराली जलाने की घटनाओं पर रोक नहीं लगाई गई तो संबंधित ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों को चार्जशीट भी मिल सकती है। लिहाजा सभी एसडीएम अपनी तहसील में पराली जलाने की घटनाओं पर सख्ती से रोक लगाते हुए पराली जलाने वाले खेत के मालिकों पर जुर्माना लगाएं। कृषि विभाग के उपनिदेशक श्री दानाराम गोदारा ने बताया कि जिले में कुल 7 सुपर सीडर या हैप्पी सीडर का टार्गेट दिया गया था। जिसे पूरा कर दिया गया है। सुपर सीडर की कीमत करीब सवा दो लाख है और सरकार इस पर 40 फीसदी का अनुदान देती है।ये मशीन धान की कटाई जड़ से करने के साथ साथ नई फसल की बुवाई भी करती है। साथ ही हल्का रोलर भी जमीन पर फेरती है। लिहाजा किसान को एक ही मशीन से दो काम हो जाते हैं।

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